दिनॉक 26. 4.2010 निर्णय वादी ने प्रतिवादीगण से प्रश्नगत सम्पत्ति का कब्जा तथा मध्यवर्ती लाभ प्राप्त करने के लिये वर्तमान वाद दिनॉक 20.1206 को प्रस्तुत किया है।
2.
अतः वादी के वाद दायर करने की तिथि से प्रश्नगत सम्पत्ति का कब्जा प्राप्त करने की तिथि तक रूपये 555 /-प्रतिदिन के हिसाब से मध्यवर्ती लाभ दिलाने का अनुरोश किया है।
3.
वादी के साक्षी सी0पी0शर्मा पी0डब्लू-1 ने अपने साक्ष्य मे कहा है कि जिस क्षेत्र मे प्रश्नगत सम्पत्ति स्थित है उस क्षेत्र मे अन्य सम्पत्तियों का किराया अत्यधिक है अतः वादी रूपये दो हजार प्रतिदिन के हिसाब से मध्यवर्ती लाभ प्राप्त करने का अधिकारी है।
4.
अतः उभय पक्ष के कथनों एवं प्रश्नगत सम्पत्ति स्थल की भौगोलिक स्थिति तथा सम्पूर्ण परिस्थितियों के दृष्टिगत वादी रूपये 500 /-(रूपये पॉच सौ) प्रतिमाह के हिसाब से प्रतिवादीगण से मध्यवर्ती लाभ प्राप्त करने का अधिकारी पाया जाता है तदनुसार विवाद्यक संख्या-5 का निस्तारण किया जाता है।
5.
अतः वादी वाद दायर करने की तिथि से प्रश्नगत सम्पत्ति का वास्तविक रूप से कब्जा प्राप्त करने की तिथि तक प्रतिवादीगण से मध्यवर्ती लाभ प्राप्त करने का अधिकारी है परन्तु वादी ने ऐसा कोई तर्क पूर्ण एवं निश्चयात्मक साक्ष्य प्रस्तुत नही किया है कि प्रश्नगत सम्पत्ति के आस पास की सम्पत्तियों का किराया रूपये दो लाख प्रतिवर्ष अथवा रूपये दो हजार प्रतिदिन है।
6.
प्रतिवादीगण को आदेशित किया जाता है कि प्रतिवादीगण प्रश्नगत सम्पत्ति अनुसूची सम्पत्ति " क" एवं "ख", जिसका उल्लेख वाद पत्र के अन्त मे किया गया है, का कब्जा वादी को इस निर्णय के दिनॉक से दो मास के अन्दर प्रदान करे तथा वर्तमान वाद प्रस्तुत होने के दिनॉक 20.12.2006 से प्रश्नगत सम्पत्ति का वास्तविक कब्जा देने तक वादी को रूपये 500/-(रूपये पॉच सौ) प्रतिमाह के हिसाब से मध्यवर्ती लाभ अदा करे।